जिला जेल कांकेर ने कौशल विकास की आधारशिला रखी
कांकेर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना का लाभ बंदियों को देकर उनकी प्रकृति प्रदत्त प्रतिभा और रूचि के अनुरूप व्यावसायिक कौशल के विकास का अवसर दिला रहा है। अपराध शून्य करने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा सुधारात्मक प्रयास प्रारंभ करते हुए जिला कौशल विकास प्राधिकरण अंतर्गत जिला जेल कांकेर को वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर के रूप में पंजीकृत कर कौशल विकास की आधारशिला रखी। पूर्व से ही यह प्रयास सफल रहा, जिसमें कैदियों को काष्ठ-शिल्प कला का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए उन्हें अपराधी सोच से कलाकार की ओर ले जाने में सफल रहे।कांकेर की जिला जेल में कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत बंदियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे बंदियों में अपने हुनर को विकसित करने में मदद मिल रहीं है। जेल से छूटने के बाद यह बंदि अपने परिवार एवं अपना पालन पोषण करने में सक्षम होंगे।
महत्वपूर्ण यह भी है कि कांकेर जिला जेल मे बंदियों द्वारा काष्ठ-कला के जरिए 36 फीट लंबी और 22 फीट चौड़ी लकड़ी पर राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम निर्मित किया गया है। कांकेर जेल के बंदियों द्वारा तैयार किये गये इस काष्ठ-कला के नमूने को अमेरिका से प्रकाशित गोल्डन बुक ऑफ वल्डरिकार्ड मे दर्ज किया गया है। इस काम को पूरा करने में बंदियों को 15 दिन का समय लगा। कांकेर जेल से तैयार कष्ठ-कला की वस्तुएं पहले से ही काफी डिमांड में रही है। यहां बने कष्ठ शिल्प कलाकृतियों को राष्ट्रपति भवन मे भी जगह मिल चुका है। यहां के काष्ठ-कला को विश्व रिकार्ड मे स्थान दिलाने वाले आइडियल छत्तीसगढ़ ग्लोबल ईडिफाईंग फाउंडेशन के डायरेक्टर नवल किशोर राठी को भी सम्मानित किया गया है।
प्रशिक्षण के दौरान युवाओं ने यह माना कि, प्रशिक्षण मिलने से उनकी सोच में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है। सजा पूर्ण करने के बाद स्वरोजगार हेतु उन्हें नई दिशा भी दिखाई दे रही है।