जीवनदीप छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रहने वाले रविंद्र क्षत्रिय की एक बेहतरीन प्रयास है। अपने भाई की असमय मौत से आहत रविंद्र ने हर जरूरतमंद के इलाज करने की ठान ली है। आज के दिन वे सोशल मीडिया के जरिए 62 हजार से ज्यादा मित्रों के सहयोग से देशभर के जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए पैसे जुटा रहे हैं।

रविंद्र को किसी रोगी की जानकारी मिलती है जिसे इलाज के लिए मदद की जरूरत हो तो उसकी पूरी जानकारी जीवनदीप के फेसबुक पेज पर डाल दी जाती है। इस समूह से जुड़े लोगअपने आस-पास रहने वाले किसी भी मरीज की जानकारी मिलते ही मदद के लिए तुरंत जुट जाते हैं। ये मरीज की तबतक देखरेख करते हैं जबतक वह पूरी तरह से ठीक न हो जाए। ये लोग सोशल मीडिया के जरिए जनता से अपील करके बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए पैसा इकट्ठा करते हैं। जीवनदीप के प्रयास से अब तक देश के 300 से ज्यादा मरीजों की गम्भीर बीमारी की इलाज करवाकर उन्हें ठीक किया जा चुका है।

जीवनदीप के प्रयास से अब तक देश के 300 से ज्यादा मरीजों की गम्भीर बीमारी की इलाज करवाकर उन्हें ठीक किया जा चुका है।

रविंद्र ने अनुभव के विषय में बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने छोटे भाई के इलाज के लिए 15 साल से ज्यादा अस्पताल के चक्कर काटे थे, अनेक प्रयास किये पर तंग अर्थिक स्थिति के कारण उसे बचा नहीं पाए। इस घटना से आकुल रविंद्र ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के देश में 347 आरटीआई लगाई और एक ऐसा मोबाइल ऐप बनाया है जिसके द्वारा चिकित्सा सेवा को बेहतर किया जा सके। स्टार्ट अप इंडिया के थिंक रायपुर प्रोग्राम में 6 हजार आइडियाज में इनका आईडिया चुना गया। उन्हें अपने प्रयासों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और मशहूर क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग ने सम्मानित किया।

जीवनदीप का फेसबुक पेज बनने के बाद रविन्द्र ने अपने भाई के नाम से सुमित फाउंडेशन जीवनदीप नाम की एक गैर सरकारी संस्था की नींव रखी जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में इलाज के अभाव में हो रही असमय मौत पर काबू पाना है। रविंद्र आने वाले पांच वर्षों में एक ऐसे अन्तर्राष्ट्रीय अस्पताल की स्थापना करना चाहता है, जहां पर हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके। जहां कागजी दस्तावेज़ पूरे करने की बजाए जान बचाने को प्राथमिकता दी जाए।
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