काम की संतुष्टि अनिवार्य : पेशेवर उच्च भुगतान नौकरी छोड़ कर अपना स्टार्ट-अप शुरू कर रहे है । नुक्कड़ रायपुर के प्रियंक पटेल का प्रयास ।
नुक्कड़ के संस्थापक प्रियंक पटेल का कहना है ” नुक्कड़ , सिर्फ एक चाय कैफे नहीं है बलकम मूक-बघीरो को सक्षम बनाने के लिए एक सामाजिक उद्यम है। यह रायपुर के कुछ निःशक्तज युवाओं को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने का एक पहल है। नुक्कड़ की टीम , मूक युवाओं के साथ काम कर उन्हें आत्म निर्भर बनाने का निरन्तर प्रयास कर रही है। अपने इस मूक बघीरा समुदाय के साथ काम कर मैंने सीखा है की किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानना चाहिए। नुक्कड़ मेरे लिए एक ऐसी पाठशाला है जो ज़िन्दगी को बेहतर बनाना सिखाती है, जहाँ सीखने मिलता है की कमजोरिया आपकी ताकत बन सकती हैं बस नजरिया बदलने की देर है। हम निरंतर विस्तार और प्रेरणा के प्रक्रिया में है ,रायपुर में वर्तमान में दो आउटलेट है और अगले साल तक रायपुर के तीन नए शहरों तक पहुंचने का लक्ष्य है।“
नुक्कड़ के संस्थापक प्रियंक पटेल पेशे से एक इलेक्ट्रॉनिक और टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर है। इन्होने अपने लाखो की नौकरी को नकारकर रायपुर में नुक्कड़ नाम से अपना स्टार्ट अप की पहल की। प्रियंक शुरू से ही युवाओं के लिए एक ऐसे मंच का नर्माण करना चाहते थे जो युवाओं को प्रेरित एवं विकसित कर सके। इन्होने 10 से अधिक मूक बघीरो को अपने इस संघटन द्वारा रोज़गार प्रदान किया है। ये सेवा कर्मचारियों और रसोइयों के रूप में नुक्कड़ में काम करते हैं और अब धीरे-धीरे दिन -प्रतिदिन के कार्यों के प्रबंधन में कार्यरत है। नुक्कड़ का लक्ष्य है की समाज में वंचित वर्ग के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करने में अग्रणी रहे। अब वे एसिड हमले में बचे हुए विक्टिम्स के साथ भी अपना सहयोग प्रकट करना चाहते है ।
प्रियंक को चाय की सामान्य धारणा को एक नए स्तर तक पहुंचना था ,टपरी और स्थानीय चाय स्टालों से परे। हालांकि प्रियंक को शुरू में मेहनत कर सांकेतिक भाषा का प्रयोग सीखना परा और नुक्कड़ के अपने विशेष टीम को सांकेतिक भाषा द्वारा ग्राहोको से आर्डर लेने का और आर्डर एक्सीक्यूट करने का प्रशिक्षण देना पड़ा। अपने इस सस्टार्ट अप के स्थापना के पूर्व प्रियंक ने इंटरनेट पर सर्वेक्षण किया और पाया देश भर में काफी शॉप्स तो बहुत है पर चाय काफेस कम। इसी विचार के आधार पर नुक्कड़ नाम से टी कैफ़े की पहल की ।