रायपुर की कस्तूरी बलाल श्रीमती मेनका गांधी द्वारा स्थापित पीपल फॉर एनिमल्स रायपुर नामक पशु एनजीओ चलाती है।बचपन से ही पशुओं के प्रति प्रेम रखने वाली कस्तूरी एक इंजीनियर है।
कम उम्र से ही कस्तूरी ने पशुओं को बचाना शुरू कर दिया था ; घायल पक्षियों से लेकर स्ट्रे डॉग्स को उसने बचाया और उन सभी को सेवा दी। आज तक, उसने कैंसर, पक्षाघात, गंभीर मांगे और पायोडर्मा जैसी बीमारियों से 1500 से ज्यादा जानवरों को बचाया है। पशुओं के खिलाफ क्रूरता के खिलाफ काम करने के लिए कस्तूरी ने उच्च भुगतान वाली नौकरियों को भी ठुकराया।
इस लड़की ने अकेले ही छत्तीसगढ़ सरकार को समझाया कि स्ट्रे कुत्ते को पकड़कर पोइज़न कर उनके विकास को नियंत्रित न करे। उसने सरकार को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित किया। यह परियोजना अभी भी सरकारी पशु चिकित्सा अस्पतालों में कार्यात्मक है।

आज के दिन उसकी एक टीम है जो स्ट्रे पप्पी एडॉप्शन ,गायों की रक्षा व् इलाज , के लिए काम करती है।स्टरलाइज़ेशन ऑफ़ स्ट्रे डॉग्स , जानवरों का इलाज करना और उन्हें प्रतिरक्षित करना कुछ ऐसी गतिविधियां हैं जिनमें समूह शामिल होता है कस्तूरी दिल से एक योद्धा और सही अर्थों में एक जीवन रक्षक है।समूह का मानना है कि छत्तीसगढ़ के वाइल्डलाइफ को संरक्षित करने की आवश्यकता है। वन्यजीव के खिलाफ अपराध की जांच के लिए इनका समूह राज्य में पशु कल्याण से जुड़े संगठनों के साथ बातचीत भी कर रहा है।कस्तूरी बताती है कि वह सरकार के साथ छत्तीसगढ़ के लिए कला पशु आश्रय की योजना बना रही है।