राज्य के एनजीनीरिंग छात्र अंकुर सिन्हा ने ब्लॉक चैन तकनीक के माध्यम से फर्जी लेनदेन और डिग्री पर रोक लगाने का प्रयास किया है। 22 वर्षीय अंकुर , शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज (जीईसी) में माइनिंग विभाग के तीसरे सेमेस्टर के छात्र ने अपनी कंपनी रेटकॉइंस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड स्थापित की है। यह कंपनी ब्लॉकचेन आधारित प्रोडक्ट डेवलपमेंट कंपनी है। इनके कुछ आविष्कार ’द्रोण’ एक क्लासरूम इंटीग्रेटेड स्मार्ट सॉल्यूशन है जो असाइनमेंट्स और मॉक टेस्ट को सबमिट करना आसान बनाती है। यह उत्पाद छत्तीसगढ़ के कुछ सरकारी कॉलेजों में स्थापित किया जा रहा है।इस उत्पाद में एक ब्लॉकचैन आधारित डिजिटल प्रमाणन प्रणाली है, जो वर्षों के लिए वैध है। रीकीपर्स उनकी ब्लॉकचेन आधारित डेटा प्रबंधन और आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली है जिसे विशेष रूप से ‘मिनोकुलर- एक ब्लू बानयन टेक्नोलॉजीज प्रोडक्ट’ के लिए डिज़ाइन किया गया था जिसका उपयोग माइन्स में लाइव एनालिटिक्स और डेटा प्रबंधन, भविष्यवाणी और सटीकता प्रणाली के लिए किया गया है।


अंबिकापुर के रहने वाले इस होनहार छात्र ने माइनिंग की पढ़ाई के बावजूद सॉफ्टवेयर और नेटवर्किंग में अपनी जगह बनाई है। ब्लॉक चेन तकनीक में अपनी कंपनी शुरू करने वाले अंकुर ने देशभर में आयोजित हुए सेमिनार और कॉन्फ्रेंस में भी भाग लिया है। हाल ही में इजराइल के टेल अवीव में हुए कॉन्फ्रेंस में 19 सदस्यों वाले प्रतिनिधि मंडल में भारत का नेतृत्व किया है। इसके साथ ही कई बड़ी कंपनियों से उसे लाखों के पैकेज के ऑफर भी आने लगे हैं।


अंकुर बताते है कि जब वे अंबिकापुर में कक्षा 7वीं में थे, तब उन्होंने अपने स्कूल के लिए लोकल सोशल मीडिया फर्स्ट वॉल लुक डिज़ाइन किया था, जो काफी लोकप्रिय भी हुआ। इसमें उन्होंने पहली बार स्काइप की मदद से वीडियो कॉलिंग की सुविधा भी दी थी।