सेहत के प्रति सजग, परिवेश के प्रति जागरूक और पर्यावरण के लिए संवेदनशील, डॉ नीतू वर्मा  सशक्त महिलाओं की सच्ची प्रतिनिधि है । पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट डॉ नीतू रायपुर स्थित स्टेट ऑफ आर्ट  कायरो प्रैक्टिक क्लिनिक की संथापक है। पर उनकी पहचान केवल यहीं तक सीमित नहीं हैं बल्कि अपने बहुआयामी व्यक्तित्व से डॉ वर्मा आज महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई हैं । 

डॉ नीतू वर्मा महिलाओं की फिटनेस को लेकर शहर के महिलाओं को प्रेरित करने का निरंतर प्रयास करती है। उनका ये दृढ़ विश्वास है कि अगर महिलाओं को सफलता के शिखर तक पहुंचना है तो उन्हें खुद की सेहत को पहली प्राथमिकता देनी होगी । डॉ नीतू केवल ऐसा मानती ही नहीं बल्कि फिटनेस के सारे मापदंड स्वयं पर लागू भी करती हैं । रायपुर गोइंग पिंक महिलाओं के लिए समर्पित एक खास मैराथन इवेंट है जिसकी अगुवाई कर उन्होंने महिलाओं को फिट रहने के लिए मोटिवेट किया । एक एथलीट के तौर पर भी डॉ नीतू वर्मा की उपलब्धियां सराहनीय है। मिसाल के तौर पर लद्दाख मैराथन का फिनिशर पदक उन्हें हासिल है,जिसे भारत की सबसे कठिन हॉफ मैराथन के रूप में शुमार किया जाता है । 

डॉ नीतू बताती है कि वह  एक सजग पर्यावरण प्रेमी भी  हैं। प्लास्टिक का  इस्तेमाल कम करने के लिए भी वे अभियान चलाती रही हैं । शाकाहार को बढ़ावा देने और पशुओं के प्रति अत्याचार रोकने को लेकर भी उनकी सजगता उल्लेखनीय हैं । उनका मानना है कि आधुनिक भारत की महिलाओं के लिए अपनी भूमिकाओं को विस्तारित करना जरूरी हो गया  है । डॉ वर्मा का ये मत है कि जब तक महिलाएं अपने सामाजिक सरोकारों को लेकर प्रतिबद्ध नहीं होंगी तब तक उनका सही मायनों में सबल होना मुश्किल है । 

डॉ वर्मा महिलाओं के लिए हर तरह की आज़ादी की पक्षधर हैं..और चाहती हैं कि महिलाएं बेड़ियों से आजाद होकर अपने लिए कामयाबी का नया आकाश खुद ढूंढ़ें । उनकी ये फिलॉसफ़ी है कि हम अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से बिना कुछ कहे ही सबको प्रेरित कर सकते हैं।  आज वे अपनी आधुनिक सोच, अपने प्रगतिशील कार्यों और अपने स्वतंत्र व्यक्तित्व के माध्यम से नारी सशक्तीकरण की प्रोत्साहक बन गई हैं ।