एक सच्ची प्रेरणा और आज की सशक्त भारतीय नारी का एक आदर्श उदाहरण है महिला उद्यमी श्रीमती श्वेता उपाध्याय। एक माँ, एक ट्रेनर, एक जीवन कोच, और एक लेखक, श्वेता सफलतापूर्वक भिलाई में रेनबो किड्स स्कूल नामक अपना विद्यालय चला रही है।
श्वेता ने अपनी शिक्षा उज्जैन से पूरी की है और पर्यावरण विज्ञान में पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल की है। वे एक योग्य कथक नृत्यांगना भी हैं जिसने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से डिग्री प्राप्त की है । छत्तीसगढ़ में शादी करके आने से पहले उन्होंने दो साल तक इंदौर में एक संगठन इको प्रो के लिए काम किया था और मिडिल ईस्ट के एक इंडियन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाया।
वर्ष 2011 में उन्होंने अपना स्कूल स्थापित किया। इस बीच उन्होंने न्यूरो-भाषाई में विशेषज्ञता प्राप्त की और एक जीवन कोच बन गईं। हालांकि जीवन हमेशा श्वेता के आसान नहीं रहा है , उन्हें अपनी 14 वर्षीय बेटी से अधिक ताकत हासिल हुई जिसने उनकी यात्रा में एक महान भूमिका निभाई है।श्वेता ने पेटल्स ऑफ चाइल्डहुड नामक एक उपन्यास भी लिखी है, जो कि माता-पिता और छात्रों को ध्यान में रख कर लिखी गयी है। वह वर्तमान में अपनी दूसरी पुस्तक- ए लव फैबेल पर काम कर रही है जिसे जल्द ही लॉन्च करेंगी ।
श्वेता सभी आयु वर्गों के साथ अच्छी तरह से जुड़ने में सफल होती हैं और यह खूबी उन्हें उनके पेशे में मदद करता है। श्वेता का मानना है कि दृढ़ता से किया हर काम अपने आप में सफलता की और एक कदम है।