मनोरोगियों के उपचार के लिए शासन ने साल साल पहले बिलासपुर जिले के सेंदरी में राज्य मानसिक चिकित्सालय खोला। यहां मरीजों का इलाज तो किया ही जाता है साथ ही उन्हें अच्छा माहौल देने की पूरी व्यवस्था की गई है। इसके लिए मनोरंजन के संसाधन भी जुटाए गए हैं। समय-समय पर उन्हें टीवी पर समाचार आदि सुनवाया जाता है एवं कॉमेडी सीरियल दिखाए जाते हैं। भजन व गीतों की महफिल भी सजती है जिसके लिए एक अलग कक्ष बनाया गया है। अस्पताल का माहौल संगीत से सराबोर हो जाता है।
नवंबर, 2013 में अस्पताल के उदघाटन से पहले ही यहां दी जाने वाली सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। दो सौ बिस्तरों वाले इस अस्पताल को 6 वार्डों में बांटा गया है। पुरुषों और महिलाओं के लिए ओपन और क्लोज वार्ड बनाए गए ताकि मानसिक रोगियों के स्तर के हिसाब से उन्हें रखा जा सके और किसी को कोई तकलीफ न हो। इसके अलावा पुनर्वास और प्राइवेट वार्ड की व्यवस्था भी की गई है। ऐसी व्यवस्था के चलते हर वर्ग का व्यक्ति इससे प्रभावित हो रहा है और अपने परिजनों व परिचितों के बीच इसकी चर्चा भी कर रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की सुविधा को देखते हुए अंत: रोगियों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था की है। भर्ती मरीजों का भोजन केंटीन में बनता है। बाह्य और अंत: रोगी विभाग अलग-अलग है। एक्स-रे, पैथालॉजी, ईसीटी व ईसीजी जैसे जांच अस्पताल के भीतर ही होते हैं।
अस्पताल के पास दो एंबुलेंस भी हैं और मरीज के रिश्तेदारों के ठहरने का इंतजाम भी रखा गया है। मरीजों के घूमने के लिए कोर्टयार्ड बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया गया है। यहां सिर्फ इलाज नहीं होता बल्कि मरीजों के पुनर्वास के लिए प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। भर्ती मरीजों को मनोरंजन के साथ कौशल उन्नयन प्रशिक्षण भी दिया जाता है। सपूरे परिसर में वाई-फाई की सुविधा भी दी गई है।