महिला उद्यमी पुष्पा भाग्यम
महिला उद्यमी पुष्पा भाग्यम उर्फ आशा एलेक्स पुल फैक्टर की संस्थापक और निर्देशक हैं। पुष्पा का वेंचर पुल्ल फैक्टर एक कोचिंग और परामर्श फर्म है जिसके द्वारा वह सरकारी संगठनों, प्राइवेट सेक्टर फर्म्स , शैक्षिक संस्थानों, होटल उद्योग, अस्पतालों, कॉर्पोरेट क्षेत्र , उद्यमियों और गतिशील महिलाओं को इनहॉउस तथा ऑनसाइट प्रशिक्षण प्रदान करती है।
मेहनती, रचनात्मक, अनुशासित और एक बेहद इंटीग्रेटेड टीम सदस्य, पुष्पा बताती है कि उनके अनुभवों तथा पिछले इंटर्नशिप ने उन्हें समस्या निवारण, अंतर-व्यक्तिगत कौशल , इफेक्टिव टाइम मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन स्किल्स संचार कौशल जैसे आवश्यक क्षमता के साथ सुसज्जित किया है।
मुंबई में पैदा हुई पुष्पा ,पिता की नौकरी के कारन बचपन से ही एक स्थान पर नहीं टिकी । बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के लिए उनके पिता ने चेन्नई में घरवालों का आधार स्थापित किया जहां पुष्पा ने अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की।पुष्पा स्वाभाविक रूप से सेवा उन्मुख रही है।पुष्पा बताती है कि अपने माता पिता के प्रोत्साहन से वह शिक्षा के महत्ता को समझती है, उन्होंने इंडस्ट्रियल बायोटैक्नोलॉजी में बीटेक कर , एचआर और मार्केटिंग में एमबीए किया उसके पश्चात पब्लिक रिलेशंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है । पुष्पा बताती है कि एक कार्य जीवन संतुलन बनाए रखने के लिए वह एक महीने में 10-12 दिन ही काम करती है और शेष दिनों में अपने परिवार के साथ गुणवत्ता समय बिताती है।
पुष्पा कई परियोजनाओं को संभालने का अनुभव रखती है। उन्होंने अपने करीयर काल में कई पेशेवर कंपनी जैसे मद्रास मैनेजमेंट एसोसिएशन, यूनिसेफ, एटीएमए, सीएसएसडीए, एनयूएलएम, मिनिस्ट्री ऑफ़ एचआरडी , छत्तीसगढ़ सरकार के लिए विभिन्न प्रस्तुतियां , रिपोर्ट और डिजाइन परियोजनाएं की है। वे बताती है कि अपने करियर के शुरुआत से लेकर आजतक में कई कम्पनी से जुडी है जिसमे विप्रो, एलएंडटी, बैरी वेहमिलर इंटरनेशनल रिसोर्सेज, आई नौटिक्स, एसईसीएल, हयात, टीआईएसएस कार्यक्रम, एसओएस चिल्ड्रेन ग्राम, एसआईआरडी इत्यादि शामिल है। उन्हें एचआर प्रथाओं , प्रशिक्षण और विकास, मार्केटिंग ,पब्लिक रिलेशन ,ट्रांसक्शनल एनालिसिस, मोटिवेशन तथा क्रिएटिविटी में विशेष ज्ञान है ।
पुष्पा के अनुसार “कार्यस्थल में आपका दृष्टिकोण बहुत महत्ता रखता है। एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, टीम के सदस्यों की कमियों को समायोजित करे , प्रेरणा और तालमेल के साथ टीम के संतुलन को बनाए रखे । गुणवत्ता और सेवा (आंतरिक और बाहरी दोनों) पर कभी समझौता न करें। संगठन के भीतर खुशी फैलाए । कुछ सामाजिक या अवकाश गतिविधि में अपने टीम के सदस्यों को निरंतर शामिल करें, ऐसा करने से टीम में अधिक दायित्व और जिम्मेदारी आती है। एम्पथी नामक एक पतली स्ट्रिंग होने की आवश्यकता है जो टीम में प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ती है।”