मेडिकल क्षेत्र के सुधार के लिए डॉक्टर मरीज रेश्यो को ठीक करना होगा, राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लानी होगी – डॉ भागवत
डॉ प्रकाश भागवत वर्ष 1992 से, लगभग 25 वर्षों से रायपुर के लोगों की सेवा कर रहे है। इन्होने अपनी एम.बी.बी.एस तथा एम.डी की पढ़ाई रायपुर मेडिकल कॉलेज से की है। इन्होने अपने गैस्ट्रोएन्ट्रोलोजी की प्रशिक्षण जसलोक हॉस्पिटल मुंबई से प्राप्त की तथा एंडोस्कोपी की प्रशिक्षण दक्षिण भारत से ली।
रायपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र की व्यवस्था
डॉ भागवत का कहना है कि 1992 से लेकर आजतक में उन्हें छत्तीसगढ़ के मेडिकल क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव दिखाई देता है।उन्हें यह बदलाव न केवल डॉक्टर तथा मरीज के दृष्टिकोण में, जांच सुविधाओं और तकनीकों में दिखता है परन्तु यहाँ के हेल्थकेयर क्षेत्र की व्यवस्था तथा हॉस्पिटल में उपलब्ध हॉस्पिटैलिटी में प्रतीत होता है।
रायपुर के लोगो में जागरूकता भी बढ़ गई है। एयर एम्ब्युलेंस ,सरकार की 108 की एम्ब्युलेंस सुविधाएं ,कई स्पेशलिटी सेगमेंट में बढ़ौतरी तथा उच्च तकनीक जांच ने रायपुर के मेडिकल क्षेत्र की काया ही पलट दी है। कुछ साल पहले तक रायपुर के लोग मुंबई दिल्ली तथा दक्षिण भारत में इलाज कराने जाया करते थे परन्तु रायपुर में स्पेशलिटी जाँच तथा हॉस्पिटल उपलब्ध होने के कारण राज्य के मरीजों के पास रायपुर में जाँच तथा इलाज करने का विकल्प भी है ।
कुछ वर्षों तक क्लीनिकल मेडिसिन प्रैक्टिस की प्रथा थी, परन्तु कठोर लिटिगेशन के कारण आज के दिन डॉक्टर को गलत निर्धारण का हमेशा भय रहता है , इसलिए डॉक्टर्स को मरीज के कई टेस्ट करवा कर ही उसके बीमारी का असेसमेंट करना पड़ता है।
मेडिकल क्षेत्र के सुधर पर विचार
डॉ प्रकाश भागवत का मानना है कि आज के दिन प्रिवेंशन ऑफ़ डिजीज बहुत जरूरी है। आज की अधिकतर बीमारियां लोगों के लाइफस्टाइल , रहन सहन के वजह से है। इसे हम रोक सकते है , लोगो को शिक्षित करके , बच्चों में शुरू से ही अच्छे आदते डालकर।
छत्तीसगढ़ के मेडिकल क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए राज्य के डॉक्टर मरीज रेश्यो को ठीक करना होगा, राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लानी होगी, हैल्थकारे पे अधिक प्रोग्राम्स करना होगा कि लोगो में बीमारियों के रोकथाम के प्रति जागरूकता जागे।