कहा जाता है “आर्टिस्ट्स आर बोर्न नोट मेड” ऐसे ही एक कलाकार- सुशील सखूजा के साथ ख़ास बात चीत में उन्होंने बताया “मेरी विशेषता बस्तर कला है, जिसे ढोकरा आर्ट भी कहते है । ब्रोंज मेरा माध्यम है। बस्तर में मेरे लगभग 70 बस्तर आर्ट कलाकारों की टीम है। “
यें एक स्वनिर्मित कलाकार है । कोंडागांव ,बस्तर में पले सुशील सखूजा ने किसी प्रकार की कला सीखने के लिए कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं ली , आजतक जो भी इन्होंने कला के विषय में जाना है, वह है जनजातीय लोगों के साथ जनजातीय क्षेत्र में पारंपरिक कला को ध्यान में रख कर । उनका कहना है “हालाकि ये ही मेरा कारोबार है, परन्तु मेरे लिए कला एक जूनून है। इन्हें कई अंतराष्ट्रीय व राष्ट्रीय फोरम में सम्मानित किया गया है। वर्ल्ड स्क्लप्टर्स वर्कशॉप ,कुनमिंग,चीन में इन्हें शीर्ष मान्यता से सम्मानित किया गया था ।
एक परिवहन व्यवसायी परिवार से होने के कारण , उनके लिए कला को अपना करियर चुनना मुश्किल था , परिवार के लिए मेरा यह निर्णय घर छोड़ने और जंगल में जाने के बराबर था। कई बार, जीवन के रूप में, “प्रतीयमान गलतियों” सफल साबित होते हैं। देशभर में इनकी कृतियाँ सप्लाई होती है और अंतराष्ट्रीय स्तर जैसे न्यू यॉर्क, इटली में भी इनके कृतियों का बहुत अच्छा मार्किट है।
बस्तर में रहने पर मुझे चारों ओर से आदिवासी और उनकी गतिविधियों से प्रेरणा मिली ,और मैंने उन्हें ही अपना विषय बनाया। मैंने इनके दिनचर्या को अपने कला के माध्यम से दर्शाया। क्योंकि इनकी कला की मूल जड़े बस्तर में है , वे बस्तर के लोगो के वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है। मेरा लक्ष्य है दुनिया के हर कोने में बस्तर कला का बोलबाला हो।
इनका काम करने का अंदाज़ थोड़ा अलग है, उनका मैन्युफैक्चरिंग हब बस्तर है , वे अपने आदिवासी कलाकार से मिलकर उनसे विचारो का आदान प्रदान करके नई डिजाईन का निर्माण करते है । इन अर्बन और रूरल विचारो के मेल से इनके कृतियों का निर्माण होता है। सुशील जी ने बताया “मैं बस्तर आर्ट के विभिन्न आविष्कार कर बस्तर कला के लिए विश्व भर मैं डिमांड क्रिएट करने में सफल रहा हूँ। मैंने हमेशा से अपने आप को एक कलात्मक ढंग से व्यक्त किया है।
सुशीलजी ने बताया “मेरे कार्य की सराहना एम. एफ.हुसैन जैसे महान कलाकारों ने भी की है।“ इनके हाथो की कृति प्रधान मंत्री के ऑफिस में भी दिखेगी। नफीसा अली , जया बच्चन ,परमेश्वर गोदरेज जैसे महान हस्तियों ने भी इनके काम की बहुत प्रशंसा की है।
मेरे सारे प्रयास, बस्तर के लोगो के वृद्धि तथा बस्तर कला को बढ़ावा देने में है।