शकील रिज़वी ने 2006 में जगदलपुर ज़िले के गाँव छोटेकवाली में, बस्तर ट्राइबल होमस्टे की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य है – बस्तर आने वाले देसी विदेशी पर्यटकों को ग्रामीण अंचल में रुकने की सुविधा उपलब्ध कराना ताकि वे वहां के प्राकृतिक सौंदर्य,संस्कृति,कला,नृत्य और जीवन पद्धति करीब से देख सकें।
बस्तर अपनी प्राकृतिक और नैसर्गिक संपदा से भरपूर है। वहां सैकड़ों जलप्रपात, गुफ़ा, साल और सागौन के विशाल जंगल,और अनेक जनजातीय समूह रहते हैं।
बस्तर पिछले कई दशकों से नक्सलवाद से पीड़ित है,जिससे न केवल विश्व मे बस्तर की छवि धूमिल हुई है वरन आर्थिक नुकसान भी हुआ। पर्यटन व्यवसाय से आदिवासी युवाओं को जोड़ने से न केवल उन्हें आर्थिक लाभ मिल रहा है वरन वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को देश विदेश में प्रचारित भी कर पा रहे हैं। वर्तमान में जगदलपुर ज़िले के छोटेकवाली, बड़े कवाली, मिलकुलवाड़ा, पुसपाल, चिलकुटी में भी इनका होमस्टे चल रहे हैं।

इसके अतिरिक्त कोंडागाँव,नारायणपुर, केशकाल,कांकेर,दंतेवाड़ा,सुकमा में भी होमस्टे संचालित हैं,जहां देसी एवं विदेशी पर्यटक ग्राम स्तर की इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
वे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इटली, ब्रिटेन और फ्रांस के टूर ऑपरेटर के अतिरिक्त भारतीय टूर ऑपरेटर के साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं।
पर्यटन व्यवसाय के अतिरिक्त हमारा उद्देश्य बस्तर को कुपोषण से मुक्त करना है, जिसके लिए इन्होंने चरामेती बस्तर नाम का संगठन बनाया और स्थानीय युवाओं को जोड़ा।
यह संगठन जनसहयोग से प्रत्येक माह 200 कुपोषित बच्चों को आवश्यक सुविधाए उपलब्ध करा रहा है।
इसके अतिरिक्त दिव्यांग किशोरी बालिका और वृद्धों को आर्थिक व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है।